भारतीय क्रिकेट के उभरते हुए सितारे और 14 वर्षीय बल्लेबाजी सनसनी वैभव सूर्यवंशी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उम्र महज एक आंकड़ा है। अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार की निराशा को पीछे छोड़ते हुए, वैभव ने विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के अपने पहले ही मैच में रनों का ऐसा तूफान खड़ा किया कि पुराने कई रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए।
रांची में 'वैभव' का जलवा
बिहार की ओर से खेलते हुए वैभव सूर्यवंशी ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मैच में शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। रांची (महेंद्र सिंह धोनी के गृहनगर) के मैदान पर उन्होंने अरुणाचल के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए मात्र 36 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया। उनकी इस पारी को देखकर स्टेडियम में मौजूद दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए।
वैभव की शतकीय पारी के मुख्य आंकड़े:
-
गेंदें: 36
-
चौके: 10
-
छक्के: 08
सबसे युवा शतकवीर का रिकॉर्ड
वैभव सूर्यवंशी ने इस पारी के साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी (लिस्ट-ए क्रिकेट) के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा लिया है। वह अब इस टूर्नामेंट के इतिहास में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गए हैं।
-
गौरतलब है कि पिछले साल मात्र 13 साल की उम्र में डेब्यू कर वह इस टूर्नामेंट को खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।
-
पिछले सीजन के 6 मैचों में उन्होंने कुल 132 रन बनाए थे, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 71 रन था। लेकिन इस सीजन के पहले ही मैच में उन्होंने अपने पिछले पूरे सीजन के योग को पीछे छोड़ दिया।
आईपीएल मेगा ऑक्शन की 'हॉट पिक'
वैभव की इस पारी ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो उनकी उम्र और अनुभव पर सवाल उठा रहे थे। हाल ही में संपन्न हुए IPL 2025 मेगा ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने इस युवा खिलाड़ी को 1.10 करोड़ रुपये में खरीदकर सबको चौंका दिया था। वैभव आईपीएल इतिहास के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में पहले ही सुर्खियां बटोर चुके हैं, और अब इस ताबड़तोड़ शतक ने राजस्थान रॉयल्स के प्रबंधन को अपनी पसंद पर गर्व करने का मौका दे दिया है।
मैच का सारांश
विजय हजारे ट्रॉफी के इस मुकाबले में बिहार ने वैभव की विस्फोटक बल्लेबाजी के दम पर अरुणाचल प्रदेश के सामने विशाल लक्ष्य रखा। वैभव की पारी की खास बात यह थी कि उन्होंने मैदान के चारों ओर शॉट्स खेले और स्पिनर्स से लेकर तेज गेंदबाजों तक, किसी को भी सेट होने का मौका नहीं दिया। उनकी बल्लेबाजी में वही निडरता दिखी जो महान बल्लेबाजों की पहचान होती है।
निष्कर्ष
14 साल की उम्र में लिस्ट-ए क्रिकेट में 36 गेंदों पर शतक लगाना भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। वैभव सूर्यवंशी की यह पारी न केवल उन्हें इस सीजन के 'एक्स-फैक्टर' के रूप में स्थापित करती है, बल्कि आगामी आईपीएल सीजन के लिए भी एक मजबूत दावेदारी पेश करती है।